Thursday 7 March 2013

बहुत पुरानी कथा है, किसी गांव में दो भाई रहते थे... - Short story on family, brotherhood, relations, caring

बडे की शादी हो गई थी । उसके दो बच्चे भी थे । लेकिन छोटा भाई अभी कुंवारा था । दोनों साझा खेती करते थे ।
एक बार उनके खेत में गेहूं की फसल पककर तैयार हो गई ।
दोनों ने मिलकर फसल काटी और गेहूं तैयार किया ।
इसके बाद दोनों ने आधा-आधा गेहूं बांट लिया । अब उन्हें ढोकर घर ले जाना बचा था । रात हो गई थी, इसलिए यह काम अगले दिन ही हो पाता । रात में दोनों को फसल की रखवाली के लिए खलिहान पर ही रुकना था । दोनों को भूख भी लगी थी ।

दोनों ने बारी-बारी से खाने की सोची । पहले बड़ा भाई खाना खाने घर चला गया ।
छोटा भाई खलिहान पर ही रुक गया । वह सोचने लगा- भैया की शादी हो गई है, उनका परिवार है, इसलिए उन्हें ज्यादा अनाज की जरूरत होगी ।

यह सोचकर उसने अपने ढेर से कई टोकरी गेहूं निकालकर बड़े भाई वाले ढेर में मिला दिया ।
बड़ा भाई थोड़ी देर में खाना खाकर लौटा । उसके बाद छोटा भाई खाना खाने घरचला गया ।
बड़ा भाई सोचने लगा – मेरा तो परिवार है, बच्चे हैं, वे मेरा ध्यान रख सकते हैं

लेकिन मेरा छोटा भाई तो एकदम अकेला है, इसे देखने वाला कोई नहीं है ।

इसे मुझसे ज्यादा गेहूं की जरूरत है
। उसने अपने ढेर से उठाकर कई टोकरी गेहूं छोटे भाई वाले गेहूं के ढेर में मिला दिया!

इस तरह दोनों के गेहूं की कुल मात्रा में कोई कमी नहीं आई। हां, दोनों के आपसी प्रेम और भाईचारे में थोड़ी और वृद्धि जरूर हो गई ।
Short story on family, brotherhood, relations, caring in Hindi.

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