Tuesday 6 January 2015

जलस्रोत बनाया मरूभूमि में ... Poem on Gurukul in Bhilwara, Rajasthan.

प्रथम पूज्य गणपति विनायक
उनका नाम ही शुभ फलदायक
विघ्नों का पल में करते नाश
होते भक्तों के सदा सहायक



था राष्ट्र हमारा तब महान
गुरुकुल में मिलता था जो ज्ञान
स्वाभिमान की थी जब संस्कृति
नारी का होता था सम्मान



विकृति नहीं थी प्रकृति मेंMore-books-click-here
सुंदरता थी हर आकृति में
मन, हृदय हमारा स्वच्छ बने
फैले सुगंध देव संस्कृति में



विद्यापीठ के प्रांगण की हवा
गुरुजनों की सीख है और दुआ
हैं मंदिर, कोमल पुष्प यहीं
मानव-चरित्र की यही दवा



हैं कर्मवीर अभिमान शून्य
सींचा है नींव और लिया है पुण्यshiksha-kya-hai-book-search
जलस्रोत बनाया मरूभूमि में
अधिष्ठाता योगदान अमूल्य



हे देव विनायक! अर्पित तन-मन
विद्या हमें दो, हम हैं विपन्न
इस संस्थान से लें गुण अपार
बन राष्ट्र-भक्त सच करें सपन



(विनायक विद्यापीठ, भीलवाड़ा, राजस्थान के शैक्षणिक योगदान के प्रति समर्पित चंद पंक्तियाँ) guru-gurukool-education-shiksha
- मिथिलेश कुमार सिंह, उत्तम नगर, नई दिल्ली.


Poem on Gurukul in Bhilwara, Rajasthan

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