Thursday 7 May 2015

बॉलीवुड - short story on bollywood by mithilesh anbhigya

बड़ी सरगर्मी थी फिल्म इंडस्ट्री में. गलाकाट प्रतिस्पर्धा और कास्टिंग काउच के सबसे बड़े केंद्र के रूप में कुख्यात बॉलीवुड में लोग एकता का प्रदर्शन करते हुए सुपर स्टार सल्लू चौहान के घर पहुँच रहे थे. उनको किसी गरीब की हत्या के मामले में कोर्ट द्वारा सजा सुनायी गयी थी और वह ज़मानत पर अपने फ्लैट पर मौजूद थे.
उधर गैलरी के बाहर कैमरे वाले हीरो-हीरोइनों के पोज लेने के लिए दम साधे खड़े थे.
एक-एक करके स्टार पहुँचते रहे और बाहर कैमरे वालों की पौ-बारह थी. आखिर, उनको दुखीहोने के विभिन्न पोज जो मिल रहे थे. मि. चौहान के dabangg-2-salman-khanसाथ हुए अन्याय की दुहाई दे देकर तमाम कैरेक्टर दुखी हो रहे थे. कुछ अभिनेता और अभिनेत्रियां तो कई-कई नैपकिन साथ लेकर चल रहे थे, क्योंकि उन्हें कई पत्रकारों के सवालों का सामना जो करना था.
सुपर स्टार चौहान की को-स्टार रहीं मिस रागिनी किसी नए फ़िल्मी पत्रकार से अपना दुःख साझा कर रहीं थी कि सल्लू चौहान एक महान अभिनेता और मानवता से परिपूर्ण इंसान हैं, उनको इस हत्या के लिए माफ़ कर दिया जाना चाहिए. और यह कहते हुए फफक पड़ीं.
मैडम... मैडम ... थोड़ा बाएं घूम जाइये, फोटो ठीक नहीं आ रहीं है. एक 'टेक' और ... प्लीज!
ओके! और मिस रागिनी सही पोज में खड़े होकर एक बार फिर रो पड़ीं.
मैडम .. मैं... थोड़ा रुक जाइये प्लीज! थोड़ा और बाएं .... पत्रकार शायद नया था!
क्या यार, कहाँ से चले आये हो... ये लास्ट है मेरा...
और इस हसीना ने रोने का तीसरा टेक दिया.
बहुत खूब मैडम, जबरदस्त तस्वीर आयी है आपकी, कल 'दैनिक सिनेमा अख़बार' में आप सब पर भारी ... ... ..
सच, अभिनेत्री के चेहरे पर मुस्कान फ़ैल गयी... पर जल्द ही अगले पत्रकार के लिए बॉलीवुड के चरित्र ने अपनी सूरत फिर रूआंसी बना ली.
- मिथिलेश 'अनभिज्ञ' (More @ www.mithilesh2020.com)

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