Sunday 16 November 2014

... नाम जिसका है 'जटायु' - Poem on Jatayu by Mithilesh

बूढा, निःशब्द घायल,Jatayu-Maharana-Shivdan-Singh
कुछ कर न पाने की बेबशी में आहत सा
पर कट गए, वह गिर गया
उस घाव पर गाढ़ा रुधिर जम गया

क्षत-विक्षत हो गए अंग
पड़ गए शिथिल प्रत्यंग
घुटने झुके, कंधे झुके
पर गर्व से सीना औ माथा तन गया

दुर्नीति से वह ना डरा
सामर्थ्य संग वह भिड़ गया
नारी की रक्षा करने को
वह प्राण अपने तज गया

वह कर्मयोगी, नीति ज्ञानी
धर्म-रक्षक, स्वाभिमानी
बन शूर हो गया युग-युगों तक दीर्घायु
मन में बसाओ, नाम जिसका है 'जटायु'

(महाराणा प्रताप के वंशज, वर्तमान महाराणा शिवदान सिंह जी को समर्पित)
Poem on Jatayu by Mithilesh in Hindi.

-मिथिलेश, उत्तम नगर, नई दिल्ली.

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