Thursday 17 July 2014

सड़क हादसा - Road Accidents

poem-on-pen-by-mithileshसड़क के किनारे
बैठा मैं
देख रहा था बरसात की फुहारें
लोग भाग रहे थे
मानो भीग कर पछता रहे थे
रुकने का नाम नहीं था
शायद, जल्दी कोई काम वहीँ था
…एक व्यक्ति तेजी से दौड़ा,
सड़क के उस पार जा रहा था
जल्दबाजी में उसकी जेब से पेन गिरी
गिरी क्या, सड़क पर मरी!
गाड़ियाँ दौड़ती रहीं,
पेन पहियों से दबकर उछलती रही
मैं देखता रहा
बरसात का मजा जाता रहा
कितना निर्दयी था वह पथिक
छोड़ गया बीच राह उसे
कुचल जाने के लिए, दबने के लिए
मरने के लिए
आह निकली उस निर्जीव के लिए
सोचता रहा, बस सोचता रहा…
सड़क हादसों में जाने वाले के लिए।

– मिथिलेश, उत्तम नगर, नई दिल्ली.

Road Accidents are dangerous in all means. A heart touching poem by mithilesh.

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