साफ़ समझ लीजिये आप कि वह जो भी पैसा यहाँ लगाएगा, उससे मिला हुआ मुनाफा उसकी सैन्य शक्ति पर खर्च करेगा, जिसका सीधा नुक्सान भारत को है.
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मोदी जी अमेरिका को साधने के लिए इस तरह की कूटनीति कर रहे हैं, जो कि कतई राष्ट्रहित में नहीं है. उनका अकेले वैश्विक लीडर बनने की कोशिश नुकसानदेह है.
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नेहरू की वैश्विक छवि बनाने का खामियाजा भारत आज तक भुगत रहा है. मोदी को देश की आधारभूत समस्याओं पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए, और चीन के सामानांतर अपनी ताकत खड़ी करनी चाहिए. ... ठीक वैसे ही जैसे चीन ने अमेरिका के सामानांतर खुद को खड़ा किया.
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कोई मित्र बताएगा कि चीन के महाशक्ति बनने में अमेरिकी निवेश का कितना योगदान है? ....
China Relations with India
Keyword: china, India, economy of India, self esteem
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