Monday 1 September 2014

जैकेट पहन चले नेताजी - Leaders

leader-cartoonजैकेट पहन चले नेताजी,
छुपा लिए सब पाप
उस श्रेणी में न रखियो हमें
उतार दियो मैंने ‘आप’

उतार दियो मैंने ‘आप’,
पड़ी यह जैकेट भारी
देह, ह्रदय पर बोझ पड़ा
हुआ मैं दुखियारी.

मिथिलेश हुए कन्फ्यूज,
कुछ समझ न आया
छोड़छाड़ कर धन्य हुए,
जैकेट की मोहमाया.

-मिथिलेश, उत्तम नगर, नई दिल्ली

Poem by mithilesh on Indian Leaders and their leadership

No comments:

Post a Comment

Labels

Tags