Sunday 6 September 2015

ब्लॉगिंग अभिरूचि और डिजिटल इंडिया

Blogging oppotunity in India and digital India initiative by Government, blog iconब्लॉगिंग दुनिया में एक जाना पहचाना और कमाऊ करियर ऑप्शन है तो भारत में भी यह बेहद तेजी से आगे बढ़ रहा है. हालाँकि, आज भी भारत में 'प्रोफेशनल ब्लॉगिंग' को वह दर्जा हासिल नहीं है जो उसे होना चाहिए. सरकारें जिस प्रकार 'डिजिटल इंडिया' पर जोर दे रही हैं, उससे हम समझ सकते हैं कि आने वाले दिनों में ब्लॉगिंग और इंटरनेट गतिविधियों की श्रृंखला और तेजी से बढ़ने वाली है. डिजिटल इंडिया भारत में ज्ञान समाज और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था की स्थापना की दिशा में दूरदर्शी कदम सिद्ध हो सकता है लेकिन बिना अनुकूल माहौल, परिस्थतियों, मानसिकता और ढाँचे के इसकी कामयाबी संदिग्ध बनी रहेगी. दुर्भाग्य से हमारे यहाँ ऐसी महत्वाकांक्षी परियोजना के रास्ते में आने वाली रुकावटों की कोई कमी नहीं है और इनमें सबसे पहली समस्या बिजली को लेकर आने वाली है. बिडम्बना यह है कि भारत में इंटरनेट से कमाई अभी आमदनी का मुख्य श्रोत नहीं बन पायी है, जिसका कारण भी स्पष्ट है कि अभी देश में एक बड़े वर्ग तक इंटरनेट की पहुँच संभव नहीं हो सकी है. फेसबुक द्वारा चलाये जा रहे प्रोग्राम 'इंटरनेट डॉट ऑर्ग' की यह कहकर आलोचना की जा रही है कि इससे 'नेट न्यूट्रलिटी' प्रभावित होगी, मगर यह समझना आवश्यक है कि तेजी से बढ़ते ज़माने से कदमताल करने के लिए भारत जैसे देशों को इंटरनेट के तेज प्रसार से जोड़ा जाना अति आवश्यक है. इसके आगे जिस दूसरी समस्या पर हम गौर करते हैं, वह है ब्लॉगिंग. लोगों को ब्लॉग लिखने के बारे में समझा पाना थोड़ा कम कठिन होता है, लेकिन यह समझा पाना अत्यंत मुश्किल कार्य है कि ब्लॉगिंग से पैसा भी कमाया जा सकता है. लोग बड़ी हैरत से यह प्रश्न करते हैं कि “क्या सचमुच ब्लॉगिंग से पैसे कमाया जा सकता है ??”
समस्या यही भी है कि हमारी रूटीन शिक्षा प्रणाली, मसलन इंजीनियरिंग, बीसीए, एमसीए या फिर ट्रेडिशनल कंप्यूटर इंस्टिट्यूट इत्यादि में ब्लॉगिंग, सोशल मीडिया इत्यादि से सम्बंधित जानकारी दी ही नहीं जाती है और थोड़ी बहुत इधर-उधर से जानकारी प्राप्त करके ग्रेजुएट युवा इस बारे में कन्फ्यूज रहते हैं. भारत में अधिकांश लोग ब्लॉगिंग की ताकत और उसकी कमाई के पोटेंशियल से अनजान हैं. इस सम्बन्ध में आपसे एक वाकया शेयर करना चाहूंगा. अपने एक मित्र के यहाँ काफी समय बाद गया तो सामान्य बातचीत के बाद उसके पिता ने मुंह बनाते हुए बताया कि उनका छोटा बेटा भी कम्प्यूटर इंजीनियरिंग कर रहा है. मैंने कहा, यह तो अच्छी बात है और फिर कम्प्यूटर की पढाई और जानकारी तो आजकल अनिवार्य सी बनती जा रही है. उनका तत्काल कहना था कि अब तो कम्प्यूटर इंडस्ट्री 'सैचुरेट' हो गयी है. मैंने उनसे कहा कि अंकल, कम्प्यूटर मार्किट जॉब के लिहाज से चाहे जैसी हो, मगर यदि लड़का थोड़ा भी इनोवेटिव है, सोचने विचरने वाला है तो इस फिल्ड में असीमित संभावनाएं हैं. फिर मैंने उनको ब्लॉगिंग, सोशल मीडिया के साथ साथ यह भी बताया कि किस प्रकार हज़ारों लाखों लोग, एक कांसेप्ट, एक वेबसाइट या ब्लॉग से अपनी पहचान दुनिया भर में बनाये हुए हैं. हालाँकि, बदलाव की प्रक्रिया अब चल रही है और लोगों को बताना पड़ेगा कि ब्लॉगिंग के रूप में, उनके पास ना केवल समाज को बदलने और शिक्षित करने का अवसर है बल्कि उनके पास अपने लिए नाम और धन कमाने का भी पर्याप्त अवसर है. वे अपने लिए और दूसरों के लिए भी पैसे कमाने के नए रास्ते खोलने की प्रक्रिया का हिस्सा बन सकते हैं. किसी भी विषय में अपना ब्लॉग शुरू करें, जिसमें आप जानकारी ऑफर कर सकते हैं. यदि आपको लिखना पसंद नहीं है तो वीडियो ब्लॉगिंग एक बेहतर ऑप्शन के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं. Digital India and blogging articleब्लॉगिंग के बारे में मोटिवेट करने का सबसे अच्छा तरीका, उन्हें पैसे को लेकर आशान्वित करने का होता है.जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं, पैसा सबसे बड़े उत्प्रेरकों में से एक है, क्योंकि सबको पैसे की जरुरत होती है. ब्लॉगिंग मजेदार और दिलचस्प होती है जिसमें लोगों को पढ़ने और नॉलेज प्राप्त करने के हज़ारों अवसर उपलब्ध होते हैं और यदि लोगों को यह पता चले कि ब्लॉगिंग से पैसे भी कमाए जा सकते हैं तो यह निश्चित रूप से उनके उत्साह को बढ़ा देगा. यहाँ यह जान लेना आवश्यक है कि भारत के कई प्रोफेसनल ब्लॉगर्स केवल ब्लॉगिंग से ही हर महीने लाखों की कमाई कर लेते हैं, जो किसी दुसरे पेशेवर के दो से तीन साल तक की कमाई के बराबर या उससे ज्यादा भी होता है. इसके अतिरिक्त, तमाम कंपनियां भी ब्लॉगिंग को गंभीरता से ले रही हैं. आप किसी भी कंपनी की वेबसाइट पर जाएँ, चाहे ट्विटर, फेसबुक, गूगल या कोई और उसका ब्लॉग और रेगुलर अपडेट आपको अवश्य ही दिख जायेगा. इसी वजह से, अब तमाम दूसरी कंपनियां भी ब्लॉगिंग को गंभीरता से ले रही हैं, और अपने व्यापर बढ़ाने के प्रयास में वे प्रोफेशनल ब्लॉगर्स के साथ भी जुड़ रही हैं. मार्केटिंग के महत्व को समझते हुए ज्यादातर कंपनियां ब्लॉगिंग के सम्बन्ध में 'यूजर इंगेजमेंट' और 'बाउंस बैक' से बचने के लिए अब अलग से बजट तैयार कर रही हैं. वास्तव में, उनमें से कई प्रेस कॉन्फ्रेंस के अतिरिक्त ब्लॉगर्स के लिए एक अलग कार्यक्रम भी रखने लगे हैं. ब्लॉगिंग के बढ़ते हुए प्रभाव को समझने के लिए हमें ब्लॉगअड्डा (BlogAdda) और इंडीब्लोगर (Indiblogger) जैसे फोरम्स की ओर देखना चाहिए, जो भारतीय ब्लॉगर्स के लिए एक कम्युनिटी बनाने में कड़ी मेहनत कर रहे हैं और साथ ही वे कॉर्पोरेशन्स को भारतीय ब्लॉगर्स के साथ जोड़ने के लिए भी काम कर रहे हैं.
बदलते हुए राजनीतिक परिदृश्य में हमें इंटरनेट से सम्बंधित कार्यों के प्रति और भी गंभीर हो जाना चाहिए, क्योंकि आने वाले समय में ऐसा कोई क्षेत्र शायद ही बचे, जो इसके प्रभाव और व्यापकता से अछूता रहे. जहाँ तक बात डिजिटल इण्डिया जैसे प्रोग्राम्स की है तो तमाम विसंगतियों के बारे में हमें समझ लेना चाहिए कि डिजिटल इंडिया का सफल क्रियान्वयन कोई असंभव कार्य भी नहीं है. एस्तोनिया जैसे छोटे से देश ने, जो सन् 2007 में भीषण साइबर हमले का शिकार हुआ था, अपने आपको सफलतापूर्वक एक डिजिटल राष्ट्र में बदलकर दिखा दिया है. उस साइबर हमले ने एस्तोनिया के समूचे आर्थिक, प्रशासनिक और कारोबारी तंत्र को कई दिन के लिए ठप्प कर दिया था, लेकिन उस देश ने एक संकल्प लिया और उसे पूरा करने का साहस दिखाया. अनेक पश्चिमी देशों ने अपनी अर्थव्यवस्थाओं को नोटों के प्रयोग से मुक्ति दिलाने का लक्ष्य बनाया है. स्वीडन और डेनमार्क कैशलेश समाज में बदलने जा रहे हैं जहाँ धन के भुगतान और लेनदेन में या तो प्लास्टिक कार्डों का प्रयोग होगा या फिर ऑनलाइन माध्यमों का और वे अपने लक्ष्य के बहुत करीब पहुँच भी चुके हैं. साफ़ है कि देर-सबेर यह सुविधाएं हमारे देश में आएँगी ही, बल्कि ग्लोबलाइजेशन के दौर में जल्द से जल्द आने के लिए तैयार हैं. तो फिर भारतीय ही देर क्यों करें, अपनी कलम उठाएं और उन तमाम समस्याओं और उसके निराकरण के बारे में सवा अरब आबादी को रूबरू कराएं. और इसका प्लेटफॉर्म बनेगा ब्लॉगिंग. जी हाँ! ब्लॉगिंग और डिजिटल इंडिया के सम्मिश्रण से न केवल हमारा देश सूचना प्रोद्योगिकी का सही इस्तेमाल कर पायेगा, बल्कि धन कमाने और रोजगार पैदा करने का भी एक बड़ा क्षेत्र बन सकेगा. आप यह जरूर सोचेंगे कि इस लेख में ब्लॉगिंग और डिजिटल इंडिया के बारे में काफी कुछ कहा गया है मगर 'कमाई' कैसे होगी? आप निश्चिन्त रहिये और अगर आप ब्लॉगिंग के बारे में खुद की रुचि जगाने में सफल हो गए तो फिर इस डाली को कस कर पकडे रहिये, क्योंकि आप यदि लगातार ब्लॉगिंग करते रहे तो खुद समझ जायेंगे कि गूगल एडसेंस, अफिलिएट मार्केटिंग और सोशल मीडिया का नेटवर्क किस तरह कार्य करता है और किस प्रकार बड़ी और स्थायी कमाई के साथ 'स्वतंत्र कमाई' का रास्ता खोलता है. और फिर काम जब राष्ट्रभाषा हिंदी और मातृभाषा में हो तो दिल और दिमाग एक साथ कार्य करते हैं, जिससे शानदार परिणाम आने निश्चित हो जाते हैं. मेरे दुसरे लेखों में इस बारे में ज़िक्र है और होता रहेगा, तब तक के लिए ढेरों शुभकामनाएं.
- मिथिलेश कुमार सिंह, उत्तम नगर.
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