Thursday 4 December 2014

Rohtak Brave Girls and Public Debate

Rohtak Brave Girls and Public Debate

 



... रोहतक की दो लड़कियों का चरित्र- हनन खूब किया जा रहा है. गाँव की राजनीति से लेकर, जाट-राजनीति तक पूरा पुरुष-समाज एक होकर उनको गलत साबित करने में लग गया है, जैसे वह लडकियां 'इस्लामिक स्टेट' की सदस्य हों-
"आक थू ... ऐसी मानसिकता पर"
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इन सभी के अनुसार उन लड़कियों को चुपचाप अपना 'रेप' करा लेना चाहिए था, ओह सॉरी, रेप नहीं 'गैंग-रेप' !!






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  • Ranbir S Phaugat कुछ ज्यादा ही आगे का सोच लिया है. आप और हम वहाँ नहीं थे, इसलिये ऐसी टिप्पणी को मैं उचित नहीं मानता.















  • Mithilesh Kumar Singh महोदय, हम यहाँ हैं और देख रहे हैं नारी का बलात्कार किसी प्रकार हो रहा है. और हाँ! लोग सच्चाई की बहुत दुहाई दे रहे हैं... आखिर सच्चाई-प्रिय देश के नागरिक जो हैं. बहुत खूब!















  • Mithilesh Kumar Singh ... सच्चाई की दुहाई देने वालों की असलियत आप और हम सभी जानते हैं. यदि उन सभी के सामने सड़क पर कोई बलात्कार हो तो वह लड़की को बचाएंगे कम और उसे 'छूने' की कोशिश ज्यादा करेंगे. उसे बचाकर किसी कोने में ले जाना चाहेंगे. आप हम क्या सुनना चाहते हैं. आंकड़े उठकर देख लीजिये, रोज देश में, दिल्ली में, हरियाणा में यही होता है. कोई शोर नहीं होता, कोई सच्चाई की बात नहीं होती, कोई आंदोलन नहीं होता. आज इतना शोर क्यों?? क्यों पुरुष घबरा गए हैं ?? क्यों डर गए हैं ??















  • Arun Kumar पुरुष सदा से ही कमजोर था, रहा है और रहेगा ...................उसे फिर से याद दिलाना होगा की जीवन का पहला थपड़ उसे नारी ने ही मारा था ................और अपने जीवन के ऐसे कई थप्पड़ वो............. १०-१२ साल कहा चुका है
    इसलिए उसके अन्दर हीन भाव स्थापित हुआ है...................ये सब उसके हीन भाव ग्रसित होने के लक्षण है















  • Dheeren Singh Janab ye mat bhuliye bina aag dhunaa nahi uthata....















  • Mithilesh Kumar Singh उन लड़कियों को निर्दोष साबित नहीं कर रहा हूँ मैं, लेकिन उनको माध्यम बनाकर पूरी औरत जात को गलत साबित करना का पिछले तीन-चार दिन से बेहद घिनौना प्रयास हो रहा है. यह प्रयास उसकी मुखरता को कुचल देने का है और टीवी चैनल से लेकर सोशल मीडिया पर जिस प्रकार की एकतरफा टिप्पणियां चल रही हैं, वह निश्चय ही शर्मनाक है. कोई इस बात के लिए आवाज नहीं उठा रहा है कि यदि किसी भी लड़की के आत्मसम्मान पर कोई लड़का, युवक, पुरुष आँख उठा कर देखता है, तो उसकी उसी रूप में नारी जवाब दे सकती है.















  • Manoj Kamboj भाई साहब कहानी कुछ अोर ही हैं















  • Mithilesh Kumar Singh काम्बोज जी, इस मैटर को इतना हाईलाइट होना ही नहीं चाहिए था. पर न्यूज चैनलों की फितरत कौन बदले... अब यह मुद्दा कहीं से कहीं पहुँच गया है. अब इस चर्चा को अतिवादियों ने लड़कियों के खिलाफ हथियार बनाना शुरू कर दिया है. आपत्ति इस बात से है. लड़कियों पर कितना अत्याचार हो रहा है, इस बात को कौन नहीं जानता है. कोई चूं नहीं होती है, और इस एक व्यक्तिगत मैटर पर इतना हंगामा क्यों?? इसे कुंठित लोग अपनी आदत और वासना से जोड़कर इसको फैला रहे हैं और खूब मजे ले लेकर लड़कियों की इस वीडियो को, उस वीडियो को शेयर कर रहे हैं. न्यूज चैनलों की क्या कहें, वह तो ग्राम प्रधान से लेकर, पता नहीं किसको-किसको बैठा कर ... !!

















  • Ananadsuman Singh SEHMAT, YEH MANSIKTA UCHIT NAHIN















  • Rohit Yadav I agree with you Mithilesh Ji. I appreciate those girls for blowing the whistle. She herself mentioned in an interview that it was not the first time she has beaten such cheap boys. She claimed that she will continue doing so until people around her st...See More















  • Abhiraj Singh Thakurela Jaanch ke bad hi kuchh kaha ja skta h..aap aise kisi jati ki mansikta par thook ni skte Bhaisahab...Bina jaanch padtal ke natije nahi sunane chahiye aur na hi raay kayam krni chahiye...















  • Abhiraj Singh Thakurela Agar ladke doshi hn to saza jaroor honi chahiye...agar nahi to ldki ko saza honi chahiye...bat sahi aur galat ki h...kisi case ko lkr kisi jati ki mansikta tay ni ki ja skti...















  • Abhiraj Singh Thakurela Aur dusri bat is matter ko aapsi baton se suljha lena chahiye tha...ise itna badha diya ki ldko ke career pe aanch aa gyi...aur career se khilwaad hone se ek yuva galat raah pakad leta h...iske kai examples b hn...Aur dusri bat jat yuva ka dimag kharab ho to museebat duguni ho jati h kyunki wo ghayaal sher se jyada aakramak ho uthta h...















  • Kumar Chandra Bhushan Is episode ke baad girls jab bhi resist karengi to unhe apne pavitra hone ka certificate pahle dena parega,shame on this male dominated society















  • Merapata In मिथलेश जी लड़कियों को छेड़ना, परेशां करना गलत है लेकिन इस केस मैं ऐसा नहीं लगता है. एक बार ट्रेन मैं मेरे सामने एक लडकी ने एक अधेड उम्र के व्यक्ति को उठा कर बैठगई.और उस व्यक्ति को तमाम गन्दी गलिया देती रही. बार बार चप्पल से मारने कि धमकी देती रही.















  • Mithilesh Kumar Singh आपकी बात अपवाद ही है अभी। सवाल है कि पचास अत्याचार या कहें कि पचास हजार अत्याचार हम करते हैं, उनकी ओर से एक आवाज आयी तो तूफ़ान मच गया। हमारी सहिष्णुता की पराकाष्ठा है जी यह... ढोंग की पराकाष्ठा तो हम पहले ही पार कर चुके हैं।















  • Abhiraj Singh Thakurela Dhong koi b kar skta h chahe ldka ho ya ldki...koi patent ni h dhong ka ki ldke hi krenge ya ladkiyan krengi...justified bat honi chahiye...Bharat ke kanoon me likha h ki chahe nirdoshi ko bachane k liye 1000 gunahgaar chhodne pade to wo jaayaj h...Hum...See More

















  • Mithilesh Kumar Singh अभिराज बाबू, आपकी लाइब्रेरी में काफी किताबें हैं. इतिहास पढ़ो और समझो, फिर देखोगे कि ढोंग का ठेका पुरुष समाज ने अकेले उठा रखा है, तब से अब तक. ईमानदारी से तुलना करो... फिर आपको उनका दर्द पता चलेगा. और यही कारण है कि देश में साल भर में .२५००० रेप केसेज द...See More


















    Rape in India is the fourth most common crime against...


    EN.WIKIPEDIA.ORG



























  • Kumar Chandra Bhushan Salute these two brave girls who assaulted the boys may be on the reason of petty fight and not molestation but it will certainly inspire lakhs of girls who are subjected to all kind of atrocities by males on daily basis and every where.










  • Mithilesh Kumar Singh







Rohtak Brave Girls and Public Debate

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