ना डरें हैं, ना डरेंगे
तुम जो भी कर लो
आतंक से लड़ते रहेंगे
बंदूकें अपनी पूरी भर लो
ना समझो हमको छोटी जान
वतन हमारा हिन्दुस्तान
नामो निशां मिटायेंगे
होने दो हमको तुम जवान
-मिथिलेश कुमार सिंह, उत्तम नगर, नई दिल्ली.
Poem on child feeling at Terrorism
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