देश के जो योग्य और अनुभवी लोग हैं, उनको देखने पर आप पाएंगे कि उन सभी की उम्र 60 से अधिक ही है. नौकरशाह, नेता, तमाम आयोगों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, प्रतिनिधिमंडल. सिर्फ नाच-गाना (फिल्म इत्यादि...) और खेलकूद में युवा सक्रीय हैं, वह भी सामने से. (जबकि इन फिल्मों को निर्देशित/ निर्मित करने वाले या खेलों को नियंत्रित करने वाले धुरंधर 60 से ऊपर ही हैं. कुछ और क्षेत्रों में युवा जरूर सक्रीय हैं, किन्तु उन्हें भी वरिष्ठों की गाइडेंस है.) ... अनुभव की इससे बड़ी मिसाल क्या हो सकती है.
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पहले इस अनुभव को तमाम तरह के प्रयोग में हमारी संयुक्त परिवार की संस्था भी लाती थी, लेकिन जिस प्रकार यह विखंडन हुआ है, इस अनुभव के लाभ से पीढ़ियां वंचित हो गईं हैं. नुक़सान तमाम हुए हैं, ... इस अनुभव को इग्नोर करना हमारी और अगली पीढ़ी के लिए व्यक्तिगत रूप में कितना घातक हुआ है, इस पर अपनी राय दें मित्रों!
[From the Facebook wall of Mithilesh]
Importance for Experienced Elder in Family, Joint Family Discussion in Hindi.
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